आज ज़िन्दगी के कुछ नए सफ़े पढ़ने निकली हूँ.... कौन जाने किस वक्त कोई अपना बनकर हमें अलग राह दिखा जाए .. ! सोचा न था कि ज़िन्दगी के इस मोड़ पर एक नया एहसास जागेगा और एक नई राह मिलेगी....!
वादा किया वो कोई और था, वोट मांगने वाला कोई और
2 weeks ago
दीप से दीप जलाते चलो...हम सब हर पल ज़िन्दगी के नित नए एहसासों से गुजरते हैं. ब्लॉग जगत में आपका स्वागत है.
ReplyDeleteबाँटी है जिसने तीरगी उसकी है बन्दगी।
ReplyDeleteहर रोज नयी बात सिखाती है जिन्दगी।।
सादर
श्यामल सुमन
09955373288
मुश्किलों से भागने की अपनी फितरत है नहीं।
कोशिशें गर दिल से हो तो जल उठेगी खुद शमां।।
www.manoramsuman.blogspot.com
shyamalsuman@gmail.com
बहुत सुंदर ...
ReplyDeleteहाँ यही तो है जिंदगी
ReplyDeleteआपका और आपके इस ब्लॉग का स्वागत है
आपके इस ब्लॉग का स्वागत है...
ReplyDeleteनई राह नई खुशियाँ लाए।
ReplyDeleteब्लॉग जगत में मेरा अनुभव बहुत नया और सुखद है.
ReplyDelete@मीनाक्षी, मन की बात कहने की दिशा दिखा कर एक नई खुशी का एहसास जगा दिया.
@सुमनजी,ज़िन्दगी के अनुभव आपसे बाँटूगी और कुछ सीखूँगी भी.
@संगीताजी,दो ही शब्दों में अपनापन सा लगने लगा.
@अनिलकांत शुक्रिया...बहुत कुछ जानने समझने को मिलेगा.
@मिश्रजी, शुक्रिया..कुछ अपनी कहेगे और कुछ आपकी जानेगे.
@द्विवेदीजी, शुभकामनाओं के लिए धन्यवाद..उम्मीद है कि यह राह खुशियाँ भरी होगी आप सबके साथ .
दीपा
hey mummy,
ReplyDeleteYou have written very nicely, sorry I dont know still how to write in english but I love what you are doing. Wish you all the best and keep writing the good things that you do.. you have a lot to share about life and experiences....
luv
Chandni
नमस्कार् माताजि
ReplyDeleteबहुत् अछा लिखा आप्नॆ!!
आप् कॆ अनुभव् सॆ हम् भि सिख् लॆगॆ!
आपका पुत्र
विवॆक्
नमस्कार् माताजि
ReplyDeleteबहुत् अछा लिखा आप्नॆ!!
आप् कॆ अनुभव् सॆ हम् भि सिख् लॆगॆ!
आपका पुत्र
विवॆक्
प्रिय बेता पद कर सुखद अनुभव हुआ सब कुछ अच्छ चल रहा है .बस शायद मन चान्दनी के बगैर खाली ही रहेगा मेरे इस कदम को पापा के अलावा आप दोनोँ णॆ ही समझा है शुक्रिया मेह्र्बानी आप्की दीपा
ReplyDeleteThis comment has been removed by the author.
ReplyDeleteनमस्ते मम्मी,
ReplyDeleteकैसी हैं आप ? आपको शुक्रिया करने इ ज़रोरत नहीं, मुझे आपको शुक्रिया करना चाहिए की अपने मुझपे विश्वास करके चांदनी की जिमेदारी मुझे दी है, आप और पापा खुश बिलकुल चिंता मत करो, हम दोनों खुश हैं और अछे से हैं.
आपका पुत्र,
विवेक
मिनाक्षी जी ने आपके ब्लॉग की राह दिखाई...आप का इस परिवार में स्वागत है...
ReplyDeleteनीरज
हिन्दी चिट्ठाजगत में स्वागत है।
ReplyDelete